दिल्ली में इस दिसंबर में रिकॉर्ड बारिश हुई है, जो पिछले 15 वर्षों में सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में भारी बारिश के कारण तापमान में भी गिरावट आई है, जिससे सर्दी का अहसास बढ़ गया है। यह बदलाव मौसम में हो रहे असामान्य बदलावों और जलवायु परिवर्तन के संकेत के रूप में देखा जा सकता है।
दिल्ली में बारिश का असर
दिल्ली में इस बार दिसंबर की शुरुआत से ही बारिश का सिलसिला जारी है। आमतौर पर इस समय मौसम ठंडा और शुष्क होता है, लेकिन इस बार हल्की से लेकर भारी बारिश तक हुई है। इसकी वजह से दिल्ली का तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। लोग दिन और रात के तापमान में बदलाव महसूस कर रहे हैं, जिससे उन्हें अधिक ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम में बदलाव और जलवायु परिवर्तन
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार की बारिश और तापमान में गिरावट जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकती है। जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून के पैटर्न में बदलाव हो रहा है, और इसके चलते दिल्ली में असामान्य मौसम की घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में बारिश और तापमान के रिकॉर्डों में बदलाव देखा गया है, और इस साल की बारिश इसे और स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
मौसम का प्रभाव
दिल्ली में इस भारी बारिश ने सड़क यातायात को प्रभावित किया है। सड़कों पर जलभराव और दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। साथ ही, दिल्ली की वायु गुणवत्ता भी खराब हुई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
क्या करें नागरिक?
दिल्ली के नागरिकों को इस मौसम में अपनी सेहत का ख्याल रखने की आवश्यकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाकर रखना जरूरी है। साथ ही, यातायात की समस्याओं से बचने के लिए लोग पहले से अपने रास्तों की योजना बना लें। बारिश में गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतना जरूरी है, ताकि सड़क पर दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
निष्कर्ष
दिल्ली में दिसंबर में हुई रिकॉर्ड बारिश यह साबित करती है कि मौसम में परिवर्तन हो रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की असामान्य घटनाएं बढ़ सकती हैं। नागरिकों को इस परिवर्तन के प्रति जागरूक रहना चाहिए और मौसम के अनुसार अपनी दिनचर्या को अनुकूलित करना चाहिए।