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    Home»Methodology»“जानिए: 12 ज्योतिर्लिंग मंत्र और पूजा विधि”
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    “जानिए: 12 ज्योतिर्लिंग मंत्र और पूजा विधि”

    Review India 91By Review India 91September 17, 2024Updated:November 29, 2024No Comments7 Mins Read
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    "जानिए: 12 ज्योतिर्लिंग मंत्र और पूजा विधि”
    "जानिए: 12 ज्योतिर्लिंग मंत्र और पूजा विधि”
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    ज्योतिर्लिंग का अर्थ है :-“प्रकाश का प्रतीक शिवलिंग”। ये शिवलिंग  भगवान शिव के  विशेष पवित्र स्वरूप माने जाते है। ‘ज्योति’ का मतलब होता है ‘प्रकाश’ और ‘लिंग’ का मतलब होता है ‘प्रतीक’। इसलिए ज्योतिर्लिंग वो स्थान है जहां भगवान शिव स्वयं प्रकाश के रूप में प्रकट हुए थे। भारत में कुल 12 ज्योतिर्लिंग माने जाते है,जो विभिन्न स्थनों पर स्थित है और इनकी महिमा पुराणों में वर्णित है।यह एक दिव्य और पवित्र का  प्रतीक है जो भगवान शिव के प्रति भक्ति और आस्था का प्रतीक है।

    12 ज्योतिर्लिंग भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं और प्रत्येक का अपना महत्व और महिमा है।ज्योतिर्लिंग का अर्थ है “प्रकाश का प्रतीक”। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग उनकी असीम शक्ति और प्रकाश का प्रतीक हैं। इन ज्योतिर्लिंगों की पूजा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

    12 ज्योतिर्लिंग का महत्व

    12 ज्योतिर्लिंग का महत्व बहुत उच्च है हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में। ये ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पावन स्थल हैं जो भक्तों को उनकी आराधना और भक्ति के लिए प्रेरित करते हैं। यहाँ कुछ मुख्य कारण दिए जा रहे हैं जो इन ज्योतिर्लिंगों का महत्व बताते हैं:

    •इन ज्योतिर्लिंगों की स्थापना और पूजा से हम धार्मिक साधना में लगे रहते हैं और अपने जीवन में धार्मिकता को स्थापित करते हैं।

    •इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से हमारे मन में शांति और आनंद का अनुभव होता है, और हमारी आध्यात्मिक उन्नति होती है।

    •ये ज्योतिर्लिंग समाज में एकता और समरसता का प्रतीक हैं, जहां भक्तों को एक साथ आकर्षित किया जाता है।

    • इन ज्योतिर्लिंगों के स्थान से संबंधित नगरीयों का पर्यटन का स्थान होता है, जो पर्यटकों के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करते हैं।

    • इन ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने से भक्त भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करते हैं, जो उनके जीवन में सुख और समृद्धि लाती है।

    हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंग अत्यधिक पवित्र माने जाते हैं। इन ज्योतिर्लिंगों का दर्शन और पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ये स्थल भारत के विभिन्न भागों में स्थित हैं और हर साल लाखों श्रद्धालु इनकी यात्रा करते हैं।

    12 ज्योतिर्लिंग मंत्र (लिरिक्रस)

    1. सोमनाथ: 

       ॐ सोमनाथाय नमः

    2. मल्लिकार्जुन: 

       ॐ मल्लिकार्जुनाय नमः

    3. महाकालेश्वर: 

       ॐ महाकालेश्वराय नमः

    4. ओंकारेश्वर: 

       ॐ ओंकारेश्वराय नमः

    5. केदारनाथ: 

       ॐ केदारनाथाय नमः

    6. भीमाशंकर: 

       ॐ भीमाशंकराय नमः

    7. काशी विश्वनाथ: 

       ॐ विश्वनाथाय नमः

    8. त्र्यंबकेश्वर: 

       ॐ त्र्यंबकेश्वराय नमः

    9. वेदान्तरायण: 

       ॐ नागेश्वराय नमः

    10. वैद्यनाथ: 

        ॐ वैद्यनाथाय नमः

    11. रामेश्वर: 

        ॐ रामेश्वराय नमः

    12. घृष्णेश्वर: 

        ॐ घृष्णेश्वराय नमः

    12 ज्योतिर्लिंग मंत्र का अर्थ

    प्रत्येक मंत्र भगवान शिव के विभिन्न रूपों की स्तुति करता है और उनकी कृपा प्राप्त करने का साधन है। इन मंत्रों का अर्थ होता है भगवान शिव को नमन और उनकी महिमा का गुणगान करना।

    12 ज्योतिर्लिंग मंत्रों का अर्थ :

    1. सोमनाथ:

       – मंत्र: “ॐ सोमनाथाय नमः”

       – अर्थ: जो देवताओं के भी नाथ (स्वामी) हैं, उन्हें प्रणाम।

    2. मल्लिकार्जुन:

       – मंत्र: “ॐ मल्लिकार्जुनाय नमः”

       – अर्थ: जो मल्लिका (चमेली) के पुष्पों से सुशोभित हैं, उन्हें प्रणाम।

    3. महाकालेश्वर:

       – मंत्र: “ॐ महाकालेश्वराय नमः”

       – अर्थ: जो समय के भी स्वामी हैं, उन्हें प्रणाम।

    4. ओंकारेश्वर:

       – मंत्र: “ॐ ओंकारेश्वराय नमः”

       – अर्थ: जो ओंकार (ॐ) के स्वरूप हैं, उन्हें प्रणाम।

    5. केदारनाथ:

       – मंत्र: “ॐ केदारनाथाय नमः”

       – अर्थ: जो केदार (क्षेत्र) के नाथ (स्वामी) हैं, उन्हें प्रणाम।

    6. भिमाशंकर:

       – मंत्र: “ॐ भिमाशंकराय नमः”

       – अर्थ: जो भिम (विशाल) और शक्ति से युक्त हैं, उन्हें प्रणाम।

    7. काशी विश्वनाथ:

       – मंत्र: “ॐ काशी विश्वनाथाय नमः”

       – अर्थ: जो काशी के स्वामी और समस्त विश्व के नाथ हैं, उन्हें प्रणाम।

    8. त्र्यंबकेश्वर:

       – मंत्र: “ॐ त्र्यंबकेश्वराय नमः”

       – अर्थ: जो तीन नेत्रों वाले हैं, उन्हें प्रणाम।

    9. वैद्यनाथ:

       – मंत्र: “ॐ वैद्यनाथाय नमः”

       – अर्थ: जो रोगों को दूर करने वाले वैद्य (चिकित्सक) हैं, उन्हें प्रणाम।

    10. नागेश्वर:

        – मंत्र: “ॐ नागेश्वराय नमः”

        – अर्थ: जो नागों के स्वामी हैं, उन्हें प्रणाम।

    11. रामेश्वर:

        – मंत्र: “ॐ रामेश्वराय नमः”

        – अर्थ: जो राम के ईश्वर (स्वामी) हैं, उन्हें प्रणाम।

    12. घृष्णेश्वर:

        – मंत्र: “ॐ घृष्णेश्वराय नमः”

        – अर्थ: जो समर्पित भक्तों के द्वारा पूजित हैं, उन्हें प्रणाम।

    12 ज्योतिर्लिंग के फायदे

    •मंत्रों का जाप करने से आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

    • नियमित रूप से  जाप करने से मानसिक शांति और संतुलन बना रहता है।

    •ध्यानपूर्वक जाप से स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

    •ऐसा माना जाता है कि इन मंत्रों का जाप करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

    12 ज्योतिर्लिंग मंत्र जाप की विधि :

    • एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करें जहां ध्यान और जाप में व्यवधान न हो।

    • प्रात: स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने मन और शरीर को शुद्ध करें।

     •एक साफ आसन, एक जल से भरा हुआ तांबे का पात्र, बेलपत्र, फूल और शुद्ध घी का दीपक साथ रखें।

     • पूर्व दिशा की ओर मुख करके,  सुखासन में बैठें।

     •भगवान शिव का ध्यान करें और अपने मन में संकल्प लें फिर आप 12 ज्योतिर्लिंग मंत्रों का जाप करें।

    12 ज्योतिर्लिंग मंत्रों का एक-एक करके जाप करें, प्रत्येक मंत्र को 108 बार जपें:

         1. “ॐ सोमनाथाय नमः”

         2. “ॐ मल्लिकार्जुनाय नमः”

         3. “ॐ महाकालेश्वराय नमः”

         4. “ॐ ओंकारेश्वराय नमः”

         5. “ॐ केदारनाथाय नमः”

         6. “ॐ भिमाशंकराय नमः”

         7. “ॐ काशी विश्वनाथाय नमः”

         8. “ॐ त्र्यंबकेश्वराय नमः”

         9. “ॐ वैद्यनाथाय नमः”

         10. “ॐ नागेश्वराय नमः”

         11. “ॐ रामेश्वराय नमः”

         12. “ॐ घृष्णेश्वराय नमः”

     •मंत्र जाप के बाद भगवान शिव का ध्यान करें और आरती करें। दीपक जलाकर भगवान को प्रणाम करें।

    •भगवान को  प्रसाद अर्पित करें और फिर प्रसाद को सबमें बांटें।

    प्रश्न / उत्तर

    1.12 ज्योतिलिंगों के दर्शन कब कर सकते है ?
    12 ज्योतिलिंगों भगवान शिव के है जो ज्यादातर सावन के महीने में आते है और माना जाता है इस सावन के महीने इन 12 ज्योतिलिंग के दर्शन कर लिए उससे मोक्ष कि प्राप्ति होती है।

    2.12 ज्योतिलिंगों का क्या महत्व है ?

    12 ज्योतिर्लिंग का महत्व बहुत उच्च है हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में। ये ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पावन स्थल हैं जो भक्तों को उनकी आराधना और भक्ति के लिए प्रेरित करते हैं।

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